एक शून्य था उसमे घूमते रहे ये पापा ये मम्मी ये भाई ये बहन पर सच कुछ और था . सच कुछ और था कोई अपना नहीं था , सब कुछ समय के लिए अपनो में शामिल थे . सबको अपने मजिल की तलाश थी . पर हमे सबके मंजिल की तलाश थी .सबकी मंजिले मिलाती रहीं और मैं अकेला सबमे अपने को ढूढता रहा . पर आज ऐसा लग रहा है की ......................................................................................................
रविवार, 24 अप्रैल 2011
शनिवार, 16 अप्रैल 2011
BACHPAN
उन्ही अनजान रास्तों पर चलते रहे और सोचते रहे की मंजिल कहीं न कहीं मिलेगी , पानी से जमीं लगी हुई थी मैंने समझा की पानी है ही नहीं बस रास्ता ही रास्ता है .सुब कुछ कितना अच्छा लगता था , गाँव में दोस्तों के साथ खेलना , शाम होते ही पापा के डर से खेल बीच में ही छोड़कर घर भाग जाना ,,,,,,,अह.........आह.................सब कुछ .कितना अच्छा था .मछली पकड़ना बाग में जाकर आम तोड़ना , कभी कभार सहर जाना , .................................................................................साईकिल चलाना , सुब कुछ अच्छा था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज समझना कितना कठिन है जिन्दगी के उन लम्हों को ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बस महसूस कर सकते हैं............................अब चुप्पी लगाने का मन है ....................................................................................................................................................................................अब बस एक सन्नाटा है.
BACHPAN
छोटा सा था जब अपनों की तलाश सुरु की . समझना कठिन था कौन अपना है कौन पराया .पर खुद से पुछा तो पाया की सब अपने है अपना परिवार अपना समाज अपना देश अपना भगवान. पर आज इस मोड़ पर आकर लगा की सब धुंध था . मंजिल कहीं नहीं थी . .............................................................................................................................................................................................................................................................................धुंध ..................................................................................................................और सिर्फ धुंध ..............................................................................एक तलाश ....................................................................................................न ख़त्म होने वाली तलाश .................................................................................पता नहीं मंजिल कहाँ है ? है भी या नहीं ?....................................................या सुब कुछ. एक अंजन रास्ता और कुछ नहीं .
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